स्वामी विवेकानंद के सुविचार
![]() |
स्वामी विवेकानंद के सुविचार |
जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे।
खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।
खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।
उठो, जागो और तब तक मत रुको
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।
सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है,
फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं।
विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं।
प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।
विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं।
प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।
जब तक जीना तब तक सीखना,
अनुभव ही जीवन में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
अनुभव ही जीवन में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन
![]() |
स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन |
आप जब तक ईश्वर पर विश्वास नहीं करेंगे जब तक,
आप स्वयं पर विश्वास रखना नहीं सीख जाते।
आप स्वयं पर विश्वास रखना नहीं सीख जाते।
अध्यात्मिक मार्ग में मनुष्य का सच्ची शिक्षक,
केवल और केवल उसकी आत्मा होती हैं।
केवल और केवल उसकी आत्मा होती हैं।
भरोसा भगवान पर है तो जो लिखा है तक़दीर में वही पाओगे,
भरोसा खुद पर है तो भगवान वही लिखेगा जो आप चाहोगे।
भरोसा खुद पर है तो भगवान वही लिखेगा जो आप चाहोगे।
दुनिया क्या सोचती है उन्हें सोचने दो,
आप अपने इरादे में मज़बूत रहो,
दुनिया एक दिन तुम्हारे क़दमों में होगी।
आप अपने इरादे में मज़बूत रहो,
दुनिया एक दिन तुम्हारे क़दमों में होगी।
जिस पल आपको यह पता चल जायेगा कि ईश्वर आपके भीतर है,
उस पल से आपको प्रत्येक व्यक्ति में ईश्वर की छवि नजर आने लगेगी।
उस पल से आपको प्रत्येक व्यक्ति में ईश्वर की छवि नजर आने लगेगी।
स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार
![]() |
स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार |
जितना कठिन संघर्ष होगा,
जीत उतनी ही शानदार होगी।
जीत उतनी ही शानदार होगी।
एक अच्छे चरित्र का निर्माण,
हजारों ठोकरें खाने के बाद ही होता है।
हजारों ठोकरें खाने के बाद ही होता है।
संभव की सीमा को जानने का सबसे उत्तम तरीका है,
असंभव की सीमा से आगे निकल जाना ।
असंभव की सीमा से आगे निकल जाना ।
राम राम करने से कोई धार्मिक नहीं हो जाता,
जो प्रभु की इच्छानुसार काम करता है वही धार्मिक है।
जो प्रभु की इच्छानुसार काम करता है वही धार्मिक है।
कोई और तुम्हारी मदद नहीं कर सकता, अपनी मदद स्वयं करो,
आप अपने इरादे में मज़बूत रहो,
आप ही खुद के सबसे अच्छे मित्र हैं और सबसे बड़े दुश्मन भी।
आप अपने इरादे में मज़बूत रहो,
आप ही खुद के सबसे अच्छे मित्र हैं और सबसे बड़े दुश्मन भी।